जब किसी बच्चे के रोने की आवाज़ आती है,
रोते-रोते दर्द में लिपटे माँ की पुकार आती है,
ऐसे पल में खो जाना तो यूं लाज्मी है,
पर ऐसे में माँ तुम्हारी याद आती है,
जब कोई आँचल उड़ कर किसी का दर्द छुपाता है,
जब किसी माँ का कलेजा आँसू देख सेहम जाता है,
तेरे आँचल से बिछड़ा ये सितारा टूट जाता है,
फिर ऐसे में माँ इक तेरा चेहरा ही याद आता है,
जब पिता की डांट से किसीका दिल सहम जाता है,
तेरे समझाने की वो हल्की सी धुन गूंज जाती है,
और फिर तेरे छुपके रोने की सिसकियाँ नशों में दौड़ जाती है,
फिर ऐसे में तुम्हारे ममता में लिपटी दुनिया याद आती है,
मेरे नन्हें कदमों की आहट से लेकर आज की शैतानिया,
हमेशा तेरा मेरे साथ होने का एहसाश दिलाती है,
बारिश की रिमझिम बूंदे तेरे डांट के डर से रुख मोड़ लेती है,
अब तन्हाई में सारे गुजारे पल तेरी याद लाती है।
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